मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार पहली कैबिनेट बैठक में ही राज्य के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में आम विधानसभा चुनावों के दौरान अपने घोषणा पत्र में राज्य के लोगों को 10 गारंटी दी है और सरकार इन सभी गारंटी को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी। मुख्यमंत्री आज यहां एनपीएस कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने बेपरवाह खर्च किए हैं और अपने कार्यकाल के अंत में 900 से अधिक संस्थान खोले हैं। इससे प्रति वर्ष 5000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पैदा होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपने कार्यकाल के दौरान बेपरवाह खर्च किया।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि फार्मूला तैयार करना होगा ताकि पेंशनरों को नियमित और सम्मानजनक पेंशन मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एनपीएस अंशदान के तहत एकत्रित अपनी बकाया राशि का भुगतान करने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा है। एनपीएस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य में ओपीएस लागू करने के राज्य सरकार के निर्णय के कर्मचारी ऋणी होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और कर्मचारी पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को प्रतिवर्ष 1632 करोड़ रुपये का योगदान दे रहे हैं, जो एक बड़ी राशि है। इस अवसर पर कर्मचारी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुरिंदर मनकोटिया ने भी अपने सुझाव दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया विभाग के प्रमुख सलाहकार नरेश चौहान, विधायक संजय अवस्थी, अनिरुद्ध सिंह और अजय सोलंकी, मुख्य सचिव आर डी धीमान, अपर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और एनपीएस कर्मचारियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।