प्रदेश में इलेक्ट्रिक गाडिय़ों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने परिवहन विभाग को आदेश दिए थे कि सबसे पहले डीजल गाडिय़ों को इलेक्ट्रिक वाहनों में रिप्लेस करे। सरकार के आदेशों के बाद अब परिवहन विभाग ने 19 इलेक्ट्रिक गाडिय़ों की खरीद कर ली है। इनमें से 11 गाडिय़ां बुधवार को परिवहन निदेशालय शिमला पहुंच चुकी है। परिहवहन निदेशालय पहुंची 11 गाडिय़ों में चार ह्यूडंई कंपनी की कोना कार है, जबिक बाकि गाडिय़ां टाटा कंपनी की नैक्सन कार है। बताया जा रहा है कि बाकी गाडिय़ां भी जल्द ही शिमला बची आठ गाडिय़ां भी जल्द शिमला पहुंच जाएगी। यह गाडिय़ां भी टाटा कंपनी की ही है। ऐसे में अब परिवहन विभाग के निदेशक के अलावा अन्य अधिकारी भी इलेक्ट्रिक कार में ही सफर करेंगे। एक गाड़ी की कीमत 15 लाख से 20 लाख रुपए तक बताई जा रही है और यह एक बार चार्ज करने के बाद 400 किलोमीटर तक चलेगी।
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश का परिवहन विभाग देश का पहला ऐसा विभाग बनेगा, जिसमें पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाडिय़ों का प्रयोग किया जाएगा। इलेक्ट्रिक गाडिय़ों के प्रयोग से जहां प्रदेश सरकार का राजस्व बचेगा, तो वहीं दूसरी ओर पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा। डीजल गाडिय़ों में जहां हर साल लाखों रुपए डीजल पर खर्च होते थे, तो वहीं दूसरी ओर गाडिय़ों से निकलने वाला धुंआ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। प्रदेश में अभी 1760 इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ हैं इनमें अधिकतर एचआरटीसी की बसें शामिल है।
सीएम सुक्खू ने गुरुवार को कहा कि एक साल में सभी सरकारी गाड़ियां इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए प्रदेश भर में चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसके लिए अभी तक 110 स्थल चिह्नित किए गए हैं।