मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गत देर सायं नई दिल्ली में केन्द्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी से भेंट की। मुख्यमंत्री ने उन्हें अवगत करवाया कि प्रदेश सरकार पर्यटन विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है और इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नवीनतम पग उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अन्तर्गत कांगड़ा जिला के पौंग और मण्डी जिला के जंजैहली क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। इसके लिए केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय से अनुमोदित सलाहकारी संस्था शीघ्र ही अपनी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगी। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों को भी स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अगले चरण में शामिल करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। कांगड़ा जिला में जलाशय, धार्मिक स्थल, साहसिक गतिविधियों के साथ-साथ विहंगम धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं से जुड़े पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। कांगड़ा जिला में पर्यटन अधोसंरचना का विकास कर इसे संपन्न वर्गों के पसंदीदा पर्यटन गंतव्य के रूप में भी उभारा जाएगा।
उन्होंने कहा कि धौलाधार श्रृंखला में टेंट सिटी निर्मित करने के लिए प्रदेश सरकार एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर पर्यटन मंत्रालय को प्रस्तुत करेगी। राज्य सरकार इसके लिए उपयुक्त भूमि और सड़क सुविधा भी प्रदान करेगी। इस टेंट सिटी की क्षमता 200 से अधिक कमरों की होगी और इसमें उत्तम सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में प्रस्तावित सम्मेलन केन्द्र का निर्माण एशियन विकास बैंक परियोजना के अन्तर्गत किया जाएगा और यह भी पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में हेलीपोर्ट के निर्माण का निर्णय लिया है ताकि हवाई सेवा के माध्यम से पर्यटन को विस्तृत स्तर पर प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जाएगा और इसकी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘वाइब्रेंट विलेज’ योजना के अंतर्गत भी पर्यटन गंतव्य विकसित किए जाएंगे। प्रदेश में 25 ऐसे पर्यटन गंतव्यों को विकसित करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन स्थलों पर पर्यटकों के लिए विभिन्न प्रकार की अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल को धरोहर विकास में शामिल करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि माता चिंतपूर्णी मंदिर को प्रसाद योजना के अंतर्गत विकसित किया जाएगा। इस योजना के तहत श्रद्धालुओं को सभी प्रकार की सुविधाएं प्राप्त होंगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस वर्ष अप्रैल माह में नई दिल्ली में निवेशकों के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाओं, भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया एवं पर्यटन उद्यम स्थापित करने के लिए अन्य आवश्यक औपचारिकताओं को सुगम बनाने संबंधी एक विस्तृत एवं व्यापक प्रेजेंटेशन तैयार की जाए ताकि इस क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश को आकर्षित किया जा सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को हिमाचली शॉल व टोपी भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने पर्यटन मंत्री को हिमाचल आने के लिए आमंत्रित भी किया।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष आर.एस. बाली, विधायक केवल सिंह पठानिया, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू, महाधिवक्ता अनूप रत्न, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती तथा मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे।