शिमला, भाजपा संसदीय क्षेत्र प्रभारी एवं पूर्व मंत्री, विधायक सुखराम चौधरी और प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री राजीव सहजल ने कहा की प्रदेश की जनता के लिए दुर्भग्यपूर्ण है की हिमाचल की सबसे बड़ी स्वास्थ्य लाभ योजना हिमकेयर को सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है। यह सरकार की साफ मंशा दिखाती है की यह पूर्व सरकार की जनकल्याणकारी योजना को बंद करना चाहती है।
हिमाचल प्रदेश में हिमकेयर योजना के तहत प्रदेश में 278 अस्पताल पंजीकृत हैं । मुख्यमंत्री हिमकेयर योजना के तहत पिछले तीन साल में 4.85 लाख लोगों से ज्यादा का इलाज किया गया है, दिनांक 15.11.2023 तक हिमकेयर योजना में 78,365 नए कार्ड भी बनें थे। इस योजना को सरकार द्वारा अंतर्ध्वंस करने कर प्रयास किया जा रहा है।
हिमकेयर योजना के तहत नि:शुल्क इलाज के जरूरतमंद गरीब मरीजों को झटका लगा है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी ने अधिकांश सुपर स्पेशियलिटी विभागों में सर्जरी बंद कर दी है। कारण यह है कि अकेले आईजीएमसी का ही हिमकेयर में 70 करोड़ बकाया हो गया है। इसलिए दवाएं और सामान सप्लाई करने वाली कंपनियां और उधारी झेलने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि कार्डियोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी, सर्जरी और ऑर्थो जैसे बड़े विभागों में जहां स्टंट इत्यादि मेडिकल डिवाइस प्रयोग होते हैं, वहां अब नि:शुल्क सर्जरी बंद कर दी गई है। हिमकेयर में 300 करोड़ से ज्यादा का बकाया बताया जा रहा है। सरकार बजट में प्रावधान करने के बाद भी भुगतान नहीं कर रही है।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने विधानसभा के बजट सत्र में कहा था कि 31 मार्च से पहले लंबित भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन यह भुगतान नहीं किया। राज्य सरकार ने नए वित्त वर्ष के बजट में हिमकेयर के लिए 300 करोड़ का प्रावधान तो किया था।