बीजेपी ने सोशल मीडिया पर प्रचार में सक्रिय कुछ कर्मचारी नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत दी है। पार्टी के चुनाव प्रकोष्ठ के संयोजक सुरेंद्र एस घोंक्रोक्टा ने इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नई पेंशन योजना कर्मचारी संघ (एनपीएसईए) हिमाचल प्रदेश के पदाधिकारियों ने कुछ सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने और अपने सदस्यों से कांग्रेस के समर्थन में मतदान करने की अपील करने के खिलाफ मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की है। ये कर्मचारी सोशल मीडिया और सोशल मीडिया न्यूज चैनलों के जरिए कांग्रेस पार्टी के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं। यह स्पष्ट रूप से सरकारी कर्मचारियों की ओर से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इस शिकायत पत्र के साथ इन कर्मचारियों के फेसबुक अकाउंट के कुछ स्क्रीन शॉट भी संलग्न किए गए हैं। इसमें मुख्य रूप से वन विभाग में नियुक्त एनपीएसईए एचपी के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर और शिक्षा विभाग से जुड़े मुख्य प्रवक्ता ओम प्रकाश शर्मा शामिल हैं। सभी पदाधिकारी मतदाताओं से कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं, जो चुनाव आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने चुनाव अधिकारी से इन कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
कांग्रेस ने डीजीपी संजय कुंडू को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की
कांग्रेस ने डीजीपी संजय कुंडू को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की है। इस संबंध में पार्टी के विधि विभाग ने चुनाव आयोग को पत्र भेजा है। पत्र में पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले का भी जिक्र है। कांग्रेस का आरोप है कि चार्जशीट जारी होने के बाद डीजीपी के निष्पक्ष कामकाज पर संदेह पैदा हो गया है। पार्टी ने पेपर लीक मामले में भी संजय कुंडू के खिलाफ जांच की मांग की है, जिससे मतदान प्रक्रिया प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। गुरुवार शाम राजीव भवन शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस कानून विभाग के समन्वयक प्रशांत शर्मा ने कहा कि संजय कुंडू डीजीपी बनने से पहले मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के प्रधान सचिव थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि वह मुख्यमंत्री के बहुत करीबी थे। ऐसे में मतदान प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। चुनाव आयोग को संजय कुंडू का तबादला राज्य से बाहर कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती लीक मामले में सिर्फ बेरोजगार युवकों और प्रिंटिंग प्रेस वालों को गिरफ्तार किया गया है। पेपर लीक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे अनीश अहमद भी मौजूद थे।