राज्य शिक्षा विभाग में 12 दिसंबर, 2022 से पहले जारी हुए तबादला आदेशों को लागू करने पर रोक लगा दी गई है। मंगलवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने पुराने तबादला आदेशों पर रिलीव और ज्वाइनिंग नहीं करवाने के निर्देश जारी किए हैं। सभी जिला उपनिदेशकों सहित कॉलेज और स्कूल प्रिंसिपलों को इस बाबत पत्र जारी कर दिया है। पत्र की अनदेखी करने वालों को सख्त कार्यवाही के प्रति चेताया गया है।
भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले सैकड़ों शिक्षकों और गैर शिक्षकों के तबादले किए थे। चुनाव आचार संहिता लगने से अक्तूबर 2022 के बाद ये आदेश लागू नहीं हुए। 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की शपथ होते ही आचार संहिता प्रदेश से हट गई थी।
इसके बाद कई शिक्षकों और गैर शिक्षकों ने पूर्व की भाजपा सरकार के समय जारी हुए तबादला आदेशों को लागू करने के लिए लॉबिंग शुरू की। कई शिक्षकों और गैर शिक्षकों ने पुराने तबादला आदेशों पर नए स्कूलों में पद भी ग्रहण कर लिए हैं।
विगत सोमवार को राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने 31 दिसंबर को कई शिक्षकों की पुराने तबादला आदेशों पर रिलीविंग और ज्वाइनिंग होने के आरोप लगाए थे। चौहान ने मुख्यमंत्री कार्यालय को इस बाबत पत्र भी भेजा।
इसी कड़ी में शिक्षा निदेशालय ने मंगलवार को पत्र जारी कर 12 दिसंबर, 2022 से पहले जारी हुए तबादला आदेशों पर रोक लगा दी है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि सभी जिला उपनिदेशकों से पुराने आदेशों के तहत हुए तबादला आदेशों के लागू होने का रिकॉर्ड भी मांगा गया है। जानकारी मिलने के बाद इस संदर्भ में आगामी कार्रवाई की जाएगी।