Spread the love

घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी और खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग को हराकर विधानसभा पहुंचने वाले जिले के एकमात्र कांग्रेसी विधायक राजेश धर्माणी ऐसे विधायक है जिन पर दो बार विधायक रहने के बाद भी कोई आरोप नहीं लगा है।

धर्माणी अपनी ईमानदारी के बूते तीसरी बार विजयी होकर विधानसभा पहुंचे हैं तथा भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करते है। जिससे इस बार के चुनावों में भाजपा के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को अपना हथियार बनाकर भाजपा पर प्रहार करते रहे है और चुनाव जीतने में सफल हुए है। राजेश धर्माणी ने कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र गर्ग को 5611 मतों से हराया है।

घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी राजेश धर्माणी तीसरी बार चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं। जिससे शुरू से ही मंत्री बनने के कयास लगाए जा रहे थे। दूसरी सबसे बड़ी वजह यह भी है कि वह बिलासपुर जिला के 4 सीटों में से इकलौते कांग्रेस उम्मीदवार हैं, जो चुनाव जीते हुए हैं।

राजेश धर्माणी का राजनीतिक सफ़र  

1972 में घुमारवीं में जन्मे राजेश धर्माणी ने पहली बार साल 2007 में घुमारवीं से विधानसभा चुनाव लड़ा था। भाजपा के कर्मदेव को 1931 वोटों से हराया था। जो रिश्ते में उनके चाचा भी लगते थे। उसके बाद साल 2012 में राजेश धर्माणी ने भाजपा के राजेंद्र गर्ग को 3,208 वोट से हराया था। उस समय सरकार ने उन्हें मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किया था। बाद में मिलने वाली सभी सरकारी सुविधाओं को त्याग दिया था, जिनमें गाड़ी भी शामिल थी। कहीं भी आने-जाने के लिए अपनी निजी गाड़ी का ही उपयोग करते थे।

घुमारवीं से ही साल 2017 में उन्होंने भाजपा के राजेंद्र गर्ग के खिलाफ चुनाव लड़ा। लेकिन इस बार उन्हें भाजपा के गर्ग से 10,435 वोटों से रिकॉर्ड हार मिली थी। साल 2007 से 2017 तक लगातार 10 साल घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहने के बाद भी धर्माणी की छवि बिल्कुल साफ व ईमानदार है और इस बार उन्हें कांग्रेस चार्जशीट कमेटी का अध्यक्ष भी बनाया गया था।

स्थानीय लोगों की मानें तो, धर्माणी के मंत्री बनने के साथ घुमारवी विधानसभा क्षेत्र एक आर्दश विधानसभा क्षेत्र बनेगा।