भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि कांग्रेस का चरित्र तो भारत तोड़ो का है, पर वह भारत जोड़ों यात्रा चला रहे हैं। जब से भारत का निर्माण हुआ है तब से कांग्रेस के नेताओं ने केवल भारत को तोड़ने की नीति बनाई है।
उन्होंने कहा की 1948 में ही कांग्रेस के नेताओं ने घोटालों की माला पिरोना शुरू कर दी । 1948 में जीप घोटाला हुआ, स्वतंत्र भारत में भ्रष्टाचार का पहला मामला सामने आया।
तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मित्र वीके मेनन ने भारतीय सेना के लिए दोयम दर्जे की जीप खरीदी। इन खरीदी गई जीपों को रक्षा मंत्रालय ने अमान्य बताया, 1955 में नेहरू ने मेनन के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच बंद कर और 1957 में मेनन को देश का रक्षा मंत्री बनाया। परिणाम स्वरूप 1962 में अपरिपक्व फैसलों के कारण भारत को युद्ध में चीन से हार का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा की 1986 का बोफोर्स घोटाला, 2010 का कॉमनवेल्थ घोटाला और 2012 का कोयला घोटाला आज भी याद किए जाते हैं। कांग्रेस समय के घोटाओ की पटकथा कभी समाप्त नहीं हो सकती। 1986 में भारत ने 400 तोपों की खरीद के लिए 1437 करोड़ के सौदा पर हस्ताक्षर किए, 1987 में कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे।
इसके उपरांत 1990 में सीबीआई ने ओत्तवियो क्वात्रोची के खिलाफ अपराधिक साजिश ,धोखाधड़ी और जालसाजी का मामले में एफ आई आर दर्ज की। 1993 में कांग्रेस सरकार ने क्वात्रोची को भारत से भागने दिया। 1999 सीबीआई ने चार्जशीट दायर की जिसमें कहा गया कि क्वात्रोची ने 7 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत ली।
इसी साल में कांग्रेस सरकार ने अधिकारिक तौर पर विदेशी सरकारों से उसके बैंक खाते पर लेनदेन को लेकर लगी रोक हटाने को कहा।
कश्यप ने कहा कि निरंतर कांग्रेस सरकारों ने देश को तोड़ने का काम किया है, चाहे वह आतंकवादियों को संरक्षण हो, देश के विभिन्न हिस्सों को उनका अधिकार ना देना हो, आपातकाल लगाना हो या अपनी बात मनवाने के लिए सरकार का दुरुपयोग करना हो।