मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में 45.68 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले पहले पीईटी ब्लॉक की आधारशिला रखी। इसमें 21 करोड़ रुपये की पोजीट्रान एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) सीटी मशीन, 9 करोड़ रुपये स्पैक्ट सीटी मशीन के लिए तथा 15.68 करोड़ रुपये की राशि निर्माण कार्यों के लिए शामिल हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मरीजों को पीईटी स्कैन के लिए चंडीगढ़ या दिल्ली जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश में मरीजों को विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। पीईटी की सुविधा प्रदेश में प्राप्त होने से लोगों के पैसे और समय की बचत होगी। उन्होंने कहा कि एक बार पीईटी ब्लॉक का कार्य पूरा हो जाने के बाद यह कार्डियोलॉजी, मनोचिकित्सा, यूरोलॉजी और अन्य विभागों के अलावा कैंसर का पता लगाने, प्रतिक्रिया और फॉलो-अप की सुविधा प्रदान में सहायक होगा।
उन्होंने कहा कि पीईटी ब्लॉक तीन मंजिला इमारत होगी, जिसमें मरीजों, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए आधुनिक सुविधाओं के अलावा लगभग 50 वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य एक वर्ष के भीतर सभी मेडिकल कॉलेजों में पीईटी स्कैन सुविधाएं स्थापित करना है। हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर कैंसर केयर के लिए 400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है और कैंसर के कारणों के अध्ययन के लिए बजट में पर्याप्त धनराशि का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और सरकारी अस्पतालों में रेफरल सिस्टम को समाप्त कर विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान किए हैं, जिसमें सभी मेडिकल कॉलेजों में आपातकालीन चिकित्सा विभाग की स्थापना भी शामिल है, ताकि लोगों को शीघ्र इलाज कराने में किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि इस विभाग के आईसीयू में प्रति बेड एक स्टाफ नर्स तैनात की जाएगी। कैजुअल्टी वार्ड में तीन बेड पर एक स्टाफ नर्स तैनात की जाएगी और प्रत्येक 10 बेड पर एक डॉक्टर तैनात किया जाएगा। उनकी ड्यूटी आठ घंटे तक सीमित होगी। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला में ट्रॉमा सेंटर के साथ 175 बिस्तर क्षमता की आपातकालीन चिकित्सा सुविधा स्थापित करने के लिए 11 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चिकित्सा शिक्षा में आधुनिक तकनीकों के साथ सामंजस्य बिठाने और डॉक्टरों को सेवा की भावना से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों को आधुनिक तकनीक से लैस करने के लिए निवेश कर रही है ताकि लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में आईजीएमसी शिमला और इसके पूर्व छात्रों की उत्कृष्ट उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार व्यवस्था में सुधार के लिए काम कर रही है और राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए संसाधन जुटाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य चिकित्सा सेवाएं निगम खोलने की स्वीकृति प्रदान की है, जिसके माध्यम से अब सभी प्रकार की चिकित्सा मशीनरी, दवाएं और उपकरण खरीदे जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल्य ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है और कैंसर रोगियों के उपचार के लिए आईजीएमसी शिमला में पीईटी ब्लॉक के निर्माण की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में उन्नत तकनीक की सहायता से लोगों को बेहतर इलाज मिलेगा और राज्य सरकार चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की समस्याओं का समाधान कर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से कोविड-19 के बारे में सतर्क रहने का आग्रह किया, क्योंकि मामलांे में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। उन्होंने कोविड उचित व्यवहार का पालन करने और इस वायरस के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के महत्व पर बल दिया।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी और आईजीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।