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मुख्यमंत्री श्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने आज यहां वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों में अचानक आई बाढ़ और विनाशकारी वर्षा के कारण चल रहे बहाली कार्यों की समीक्षा की गई। उन्होंने अधिकारियों को सीजन की शुरुआत से पहले सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों को साफ करने के अलावा इन क्षेत्रों से सेब उपज निर्यात करने के लिए वैकल्पिक मार्गों की संभावना तलाशने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने ठियोग-रामपुर, ठियोग-हाटकोटी, रामपुर-किन्नौर, छैला-नेरीपुल और ओड्डी रामपुर वाया कोटगढ़ सड़कों को कार्यात्मक रखने के भी निर्देश दिए।  उन्होंने मशीनरी खरीदने के लिए लोक निर्माण विभाग को 50 करोड़ रुपये मंजूर किए।  उन्होंने कहा कि यह उम्मीद की जा रही है कि वर्तमान सीजन के दौरान राज्य में लगभग 2 करोड़ सेब की पेटियां होंगी, जो प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण पिछले वर्ष के मौसम की तुलना में कम है।

सुक्खू ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता इन सड़कों के सुचारू संचालन की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी होंगे और वह सड़कों की स्थिति के बारे में प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग को दैनिक आधार पर रिपोर्ट करेंगे। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी और लोक निर्माण विभाग सभी मरम्मत कार्यों को तुरंत शुरू करेगा।

मुख्यमंत्री ने प्रमुख स्थानों पर पर्याप्त पुलिस कर्मियों की तैनाती के निर्देश दिए ताकि सेब सीजन के दौरान वाहनों का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने मंडी, कुल्लू, सोलन, किन्नौर, चंबा और सिरमौर के जिला प्रशासन से भी बात की और चल रहे बहाली कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि चार पर्यटकों को बचाकर भरमौर लाया गया है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए परवाणू-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग की दो लेन को एक-दो दिनों में चालू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारी भूस्खलन के कारण सोलन जिले के शामती क्षेत्र में 50 घर खाली हो गए हैं।  उन्होंने प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत के रूप में एक-एक लाख रुपये देने के निर्देश दिए। उन्होंने आगे कहा कि सैंज रोड को वाहनों के लिए साफ कर दिया गया है और तीर्थन घाटी की सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने सभी जिला अधिकारियों को राज्य के अधिकारियों को दैनिक आधार पर सड़कों की स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

श्री सुक्खू ने वन विभाग को मूसलाधार बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए पेड़ों की संख्या की पहचान करने और इस संबंध में एक रिपोर्ट जल्द से जल्द सरकार को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने शिमला शहर में पेयजल उपलब्धता की भी समीक्षा की और अधिकारियों को निवासियों को पानी की उचित आपूर्ति बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने आगे कहा कि मौसम की स्थिति में सुधार के साथ, लिफ्ट जल आपूर्ति योजनाओं के कामकाज में भी सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि 13 जुलाई को 26.63 एमएलडी पानी उठाया गया था जबकि 14 जुलाई को 32.27 एमएलडी पानी उठाया गया और उपभोक्ताओं को वितरित किया गया। उन्होंने विभिन्न जल प्रदाय योजनाओं, भंडारण टैंकों की संख्या और उनकी स्वच्छता की स्थिति तथा इन योजनाओं की देखरेख के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के संबंध में 15 दिनों के भीतर कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जुन्गा में अश्वनी खड्ड पर पानी उठाने के लिए बांध का निर्माण किया जाएगा और बिजली निगम द्वारा डिजाइन तैयार किया जाएगा।

बैठक में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, कृषि मंत्री चंद्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल, मोहन ब्राक्टा, संजय अवस्थी, नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान, उप महापौर उमा कौशल, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।