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उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर शनिवार को धर्मशाला में हिमाचल पथ परिवहन निगम बोर्ड ऑफ डॉरेक्टर की मीटिंग के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बल्क ड्रग पार्क खोलने के लिए केंद्र सरकार ने हामी भरी है. ऊना जिले के हरोली में इस बल्क ड्रग पार्क की स्थापना की जाएगी. इस पार्क की वजह से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा. उद्योग मंत्री ने कहा कि हिमाचल के लिए राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना का आवंटन वास्तव में एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि यह राज्य में कई वर्षों के लिए फार्मा फॉर्मूलेशन इकाइयों के प्रतिधारण के साथ-साथ स्थानीय रोजगार के अवसर सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों को बल्क ड्रग फार्मा पार्क आवंटित करने का मुख्य उद्देश्य घरेलू निर्माण, दवा सुरक्षा सुनिश्चित करना और चीन पर बल्क ड्रग की निर्भरता कम करना है.

उद्योग एवं परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर ने कहा कि बल्क ड्रग पार्क योजना की 1923 करोड़ की डीपीआर तैयार कर ली गई है. जिसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि पार्क की अनुमानित परियोजना लागत लगभग 1200 करोड़ रुपये है. जिसमें से सामान्य बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भारत सरकार 1000 करोड़ रुपये देगी. पार्क में लगभग 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है. उन्होंने कहा इस योजना से 15 हजार से 20 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. फार्मा पार्क के लिए लगभग 100-120 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है.

उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 मार्च, 2020 को बल्क ड्रग पार्क योजना को मंजूरी दी थी और बाद में 21 जुलाई, 2020 को प्रस्ताव जमा करने के लिए मूल्यांकन मानदंड निर्धारित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए थे. इन दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत सरकार के फार्मा विभाग (डीओपी) द्वारा 1000 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा के साथ परियोजना लागत का 90 प्रतिशत प्रदान किया जाएगा.