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हिमाचल में आज स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती है। अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के 4 बड़े मेडिकल कॉलेज के करीब 800 डॉक्टर स्ट्राइक पर चले गए हैं। इनमें शिमला के सबसे बड़े IGMC अस्पताल के अलावा कांगड़ा का दूसरा बड़ा अस्पताल टांडा मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर, और चंबा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर आज स्ट्राइक पर है।

IGMC टांडा, हमीरपुर, और चंबा मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के स्ट्राइक पर रहने की वजह से यहां पर आज OPD बंद रहने से मरीजों का इलाज नहीं हो सकेगा। कई मरीजों को इस बात की जरा सी भी जानकारी नहीं थी कि आज से डॉक्टर स्ट्राइक पर है और वह बिना जानकारी के अपना इलाज करवाने अस्पताल पहुंचे। लेकिन OPD ना होने की वजह से मरीजों और तीमारदारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

डॉक्टर के स्ट्राइक स्वास्थ्य सेवा प्रभावित

अकेले राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज की थी अगर बात की जाए तो यहां पर हर दिन 7000 OPD होती है। ऐसे में चिकित्सकों के स्ट्राइक पर जाने की वजह से यहां पर मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसी तरह हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में हर दिन 2 हजार OPD होती है। इसके दूसरे बड़े टांडा मेडिकल कॉलेज में भी हर दिन OPD की संख्या 3000 तक रहती है। चंबा मेडिकल कॉलेज में भी हजार से 1000 से 2000 तक OPD रहती है। ऐसे में इन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के स्ट्राइक पर रहने से आज स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमा गई।

800 डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे

अपनी इन मांगों को लेकर डॉक्टर स्ट्राइक पर सेमडिकोट के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश सूद ने बताया कि सरकार ने स्पेशलिस्ट डॉक्टर का एकेडमिक भत्ता ₹18000 कर दिया है लेकिन मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले डॉक्टरों को अभी तक यह पता नहीं दिया गया है ऐसे में उनके पास हड़ताल पर जाने के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने इस बात का भी खेद जताया कि उनके स्ट्राइक पर जाने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन अपने हक की लड़ाई के लिए उन्हें यह रास्ता अपनाना पड़ा है। सेमडिकोट का आरोप है कि सरकार ने कमेटी बनाई थी लेकिन इस कमेटी ने इस अकादमी कम पत्ते की अभी तक कोई सिफारिश नहीं की है ऐसे में लगभग 800 डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।