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हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा के शीत सत्र के तीसरे और आखिरी दिन सदन में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध (एफआरबीएम) संशोधन विधेयक 2023 को पारित करने का प्रस्ताव रखा जो कि प्रदेश में कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने का विधेयक है और इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। अब राज्य सरकार चालू वित्तीय वर्ष में 11 हजार करोड़ रुपए तक ऋण ले सकेगी। अभी तक कर्ज लेने की तय सीमा 8000 करोड़ रुपए थी। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में हिमाचल प्रदेश पर करीब 74,622 करोड़ रुपये कर्ज हो जाएगा। भाजपा की पिछली सरकार ने 26,716 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से क़र्ज़ की सीमा बढ़ाने की अनुमति मिलने के बाद ही राज्य सरकार ने इस विधेयक को पारित किया है।

सत्र के आखिरी दिन सदन में जीएसटी (वस्तुएं एवं सेवाएं कर) रिटर्न के सरलीकरण से जुड़ा एक विधेयक भी सदन में पारित किया गया। इसमें केंद्र सरकार की ओर से वस्तु एवं सेवा कर परिषद की 43वीं और 45वीं बैठकों में सुझाए गए वित्तीय अधिनियम के संशोधन शामिल किए गए हैं।