मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह से भेंट की।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि शानन परियोजना की 99 वर्ष का लीज एग्रीमेंट मार्च, 2024 में समाप्त हो रहा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से पंजाब सरकार को लीज अवधि समाप्त होने से पहले हिमाचल प्रदेश को परियोजना सौंपने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री को भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड (बीबीएमबी) में राज्य की हिस्सेदारी के बारे में भी अवगत करवाया और राज्य के लिए 12 प्रतिशत पानी की रॉयल्टी की मांग की। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी द्वारा परियोजनाओं के निर्माण के कारण प्रदेश में कई कस्बों को पुनर्वास की समस्या का सामना करना पड़ा। परियोजनाओं के कारण बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए परन्तु बहुत से विस्थापितों को 50 वर्षों के बाद भी अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है और यह परियोजनाएं देनदारियों से मुक्त हैं। उन्होंने राज्य सरकार को बीबीएमबी की सभी कार्यशील परियोजनाओं में निःशुल्क विद्युत रॉयल्टी लगाने की अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार की दीर्घकालीन लंबित मांग है।
उन्होंने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) में राज्य की रॉयल्टी बढ़ाने का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि 12 वर्षों की ऋण अवधि पूर्ण करने वाली परियोजनाओं से निःशुल्क विद्युत रॉयल्टी हिस्सेदारी प्राप्त की जाती है। इसे मौजूदा 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की सरकार की पहल से भी अवगत कराया और राज्य में हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए कर लाभ सहित प्रोत्साहन प्रदान करने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने राज्य को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के अध्यक्ष राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा और मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया उपस्थित थे