उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज यहां प्रदेश में क्रिप्टो करंसी धोखाधड़ी की जांच सम्बंधी एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करंसी के माध्यम से कम समय में अधिक लाभ का झांसा देकर प्रदेश के भोले-भाले लोगों को सुनियोजित तरीके से ठगा गया है। प्रदेश में 2500 करोड़ रुपये के अवैध निवेश से जुड़ी क्रिप्टो करंसी धोखाधड़ी पर चिंता व्यक्त करते हुए उप-मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह की अनाधिकृत योजनाओं में निवेश न करें। उन्होंने कहा कि नियमन के अभाव में निवेशकों को ऐसे निवेश से धोखाधड़ी और हेराफेरी का जोखिम बना रहता है।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग फोरलेन और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं से मिले मुआवज़े का पैसा भी क्रिप्टो करेंसी में लगा कर डिजिटल धोखाधड़ी का शिकार बने। उन्होंने कहा कि लोगों को सतर्क रहते हुए इस तरह की धोखाधड़ी वाली योजनाओं के झांसे में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करंसी के झांसे में आकर लोगों की मेहनत की कमाई के लगभग 500 करोड़ रुपये डूब गए हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भी क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉइन में प्रमाणिकता के संबंध में अस्पष्टता की पुष्टि की है। राज्य के विभिन्न जिलों से क्रिप्टो धोखाधड़ी की शिकायतें निरंतर सामने आ रही हैं। अब तक क्रिप्टो करंसी धोखाधड़ी की 300 से अधिक शिकायतें पुलिस को प्राप्त हुई हैं। इसके सरगनाओं ने प्रदेश के लोगों को धोखा दिया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस क्रिप्टो करेंसी सरगनाओं के खिलाफ उचित कार्रवाई कर प्रदेश के लोगों को न्याय दिलाएगी।
उप-मुख्यमंत्री ने क्रिप्टो नेटवर्क को तोड़ने और मंडी से आरोपी हेमराज और सुखदेव, ऊना से अरुण गुलेरिया और अभिषेक सहित कई गिरफ्तारियां करने के लिए हिमाचल पुलिस की सराहना की। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के सरकाघाट का एक अन्य आरोपी सुभाष शर्मा शीघ्र ही पुलिस की गिरफ्त में होगा।
पुलिस महानिदेशक, संजय कुंडू ने बताया कि विभाग ने क्रिप्टो घोटाले में संलिप्त लगभग 2.5 लाख अलग-अलग आईडी वाली वेबसाइटों का पता लगाया है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करंसी के इस जाल में आरम्भिक स्तर पर 70 से 80 धोखेबाज शामिल होने का अनुमान है। पुलिस ने धोखेबाजों की धरपकड़ के लिए छापेमारी कर हिमाचल और जीरकपुर में विभिन्न स्थानों पर अब तक 8.5 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। उन्होंने कहा कि इसमें पंजाब पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है और गृह मंत्रालय ने भी हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ अनियत्रित जमा योजना पाबंदी विधेयक, 2019 के तहत कार्रवाई की जा रही है। इस अधिनियम के तहत दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है।
क्रिप्टो डिजिटल घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल के प्रमुख एवं डीआईजी उत्तरी रेंज अभिषेक दुल्लर ने मामले पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर सचिव गृह डॉ. अभिषेक जैन और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अभिषेक त्रिवेदी भी उपस्थित थे।