मुख्यमंत्री ठाकुर श्री ठाकुर श्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने आज यहां इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में कंपनियों से कहा कि वे पहाड़ी क्षेत्र, लोडिंग क्षमता और लगेज स्पेस जैसे विभिन्न मापदंडों को ध्यान में रखते हुए समयबद्ध तरीके से राज्य के लिए हिमाचल विशिष्ट प्रोटोटाइप इलेक्ट्रिक बसें बनाएं। उन्होंने कंपनियों से आधुनिक प्रौद्योगिकी को शामिल करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कहा।
हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2025 तक ‘ग्रीन एनर्जी स्टेट’ बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए, राज्य सरकार एचआरटीसी की डीजल बसों के बेड़े को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक बसों से बदलने का इरादा रखती है और अंतर-जिला मार्गों पर ई-बसों को चलाने का इरादा रखती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रोटो टाइप ई-बसों के लिए सभी तौर-तरीकों और विशिष्टताओं को तय करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। राज्य सरकार राज्य के लोगों को सर्वोत्तम और आरामदायक परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य के पर्यावरण को संरक्षित और संरक्षित करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है और ई-वाहनों को अपनाना इस दिशा में एक मील का पत्थर होगा।
राज्य सरकार परवाणू-नालागढ़-ऊना-हमीरपुर-नादौन-देहरा राजमार्ग को ‘क्लीन एंड ग्रीन’ कॉरिडोर बनाने की योजना बना रही है और इस संबंध में आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य परिवहन विभाग देश का पहला ऐसा विभाग है जो इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच कर रहा है और यह राज्य सरकार का जनादेश है कि अन्य विभागों को भी चरणबद्ध तरीके से ई-वाहन प्रदान किए जाएंगे।
बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार, परिवहन निदेशक अनुपम कश्यप और परिवहन विभाग और एचआरटीसी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।