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मुख्यमंत्री श्री ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने आज यहां डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभी सरकारी विभागों में ई-गवर्नेंस पहलों को लागू करने के महत्व पर बल दिया ताकि ऑनलाइन फाइल कार्य में तेजी लाई जा सके और दक्षता सुनिश्चित की जा सके।

उन्होंने सभी सचिवों, विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों और उप-संभागीय मजिस्ट्रेटों से ई-ऑफिस प्रणाली अपनाने और ई-मेल संचार को अपनाने के लिए तकनीकी प्रगति का लाभ उठाने और भौतिक संचार भेजने की वर्तमान प्रथा को हतोत्साहित करने के लिए कहा, चाहे वह बाहरी हो या आंतरिक।  वर्तमान में हिमाचल प्रदेश सचिवालय की 50 प्रतिशत शाखाएं और 24 निदेशालय ई-ऑफिस का उपयोग कर रहे हैं।  उन् होंने इस वर्ष 31 अगस् त तक शिक्षा विभाग को पूरी तरह डिजिटल बनाने की आवश् यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों और मरीजों के डेटा को डिजिटल प्रौद्योगिकी और शासन विभाग की सहायता से समयबद्ध तरीके से ऑनलाइन किया जाना चाहिए।

सुक्खू ने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाना राज्य के लोगों को उनके दरवाजे पर नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को करियर के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए हिमाचल ऑनलाइन सेवा, सीएम हेल्पलाइन और शिक्षा में एआई को बढ़ावा दिया जाएगा।  ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के तहत वर्तमान में 34 विभागों की 184 नागरिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।  इसके अलावा राज्य में लोक मित्र केंद्रों के माध्यम से भी 71 सेवाएं लोगों को प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने लोक मित्र केंद्रों को मजबूत करने के महत्व को भी रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि शिमला जिले के स्कूलों और स्वास्थ्य संस्थानों की जीआईएस मैपिंग पायलट आधार पर की जाएगी। उन्होंने चम्बा जिले में सभी घरेलू और वाणिज्यिक बिजली कनेक्शनों के लिए आधार सीडिंग लागू करने के भी निर्देश दिए। हिम परिवार की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों का डेटा इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के संचालन को विनियमित करने के लिए एक ड्रोन नीति तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि पायलट आधार पर कृषि, बागवानी और स्वास्थ्य क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग किया गया है और परिणाम उत्साहजनक हैं।

मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 1100 की भी समीक्षा की और एक केंद्रीकृत कॉल सेंटर की आवश्यकता पर बल दिया। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक राजेश धर्माणी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (आईटी एवं नवाचार) गोकुल बुटैल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव भरत खेड़ा, सचिव डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन अभिषेक जैन, सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, सचिव एमपीपी एवं ऊर्जा, राजीव शर्मा, सचिव जल शक्ति विभाग, सचिव राजीव शर्मा, सचिव जल शक्ति विभाग  बैठक में सचिव ग्राम्य विकास अमिताभ अवस्थी, प्रियतु मंडल, निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क किरण भड़ाना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।